क्राइम

नौकरी की मांग को लेकर मृतक के परिजनों के साथ ग्रामीणों ने 3 घण्टे तक ट्रेन रोकी…@

अधिकारियों के आश्वासन के बाद माने आंदोलनकारी

@ रियाज़ अशरफी

पति की मृत्यु के बाद उसके स्थान पर परिवार के किसी भी सदस्य को एमजीआर विभाग में नौकरी देने की मांग को लेकर मृतक के परिवार के साथ ग्रामीणों एनटीपीसी के रेलवे लाइन को 3 घंटे तक बाधित रखा। अधिकारियों की मौखिक आशवासन के बाद आंदोलनकारियों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया।

                  बता दें कि बिटकुला निवासी गजेंद्र पाटनवार पिता त्रिभुवन लाल पाटनवार एनटीपीसी सीपत का भुविस्थापित है। जमीन के बदले एनटीपीसी ने एमजीआर विभाग में उसे 2009 में अपने रेलवे पेट्रोलिंग पार्टी में सुपरवाईजर के पद पर संविदा कर्मी के तहत नियुक्ति दी थी। उनकी मृत्यु एक माह पूर्व 9 जनवरी 2024 हो गई। मृतक गजेंद्र की पत्नी अनिता पाटनवार ने 28 जनवरी 2024 को एनटीपीसी के एमजीआर विभाग में पति के स्थान पर अपने बेटे जितेश पाटनवार, बेटी माही पाटनवार या फिर स्वयं में से किसी एक को नौकरी देने की लिखित मांग की थी। जिस पर कोई सुनवाई नही हुई। इससे परेशान होकर मृतक के परिवार ने मस्तूरी विधायक, एसडीएम मस्तूरी और बिलासपुर कलेक्टर से भी नौकरी दिलाने में मदद की गुहार लगाई लेकिन यहां पर भी सुनवाई नही हुई। अंत मे मृतक के परिवार के साथ ग्रामीणों ने शनिवार को लेकर कुकदा-बिटकुला रेलवे क्रासिंग के पास सुबह 8:00 बजे एनटीपीसी के ट्रेन रोकने पहुंच गए।

          मामले कि जानकारी मिलते ही सीपत तहसीलदार डॉ. सिद्धि गवेल, थाना प्रभारी कृष्ण चन्द्र सिदार दलबल के साथ मौके पर पहुंचे आंदोलनकारियों को समझाने की बहुत कोशिश की लेकिन पीड़ित परिवार ने तत्काल एक सदस्य को नौकरी देने और मृतक के पीएफआई फंड को रिलीज करने की मांग को लेकर अड़े रहे तहसीलदार ने एनटीपीसी के अधिकारियों को मौके पर बुलवाया। इसके बाद एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक नीरज सोनी, सीनियर मैनेजर शैलेष चौहान के साथ एमजीआर विभाग के श्रीनिवास वहां पहुंचे तब उनके आश्वासन के बाद आंदोलनकारियों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया।

परिवार का आरोप मृतक के स्थान पर दूसरे को दी नौकरी

मृतक गजेंद्र पाटनवार के परिवार ने एमजीआर के सुपर वाइजर के ऊपर आरोप लगाया कि मृतक के स्थान पर गांव के ही एक व्यक्ति को रेलवे साइड में ही नौकरी दी गई है जबकि हमारा परिवार नौकरी पाने जनप्रतिनिधि और अधिकारियों के दरवाजा के चक्कर लगाने मजबूर है।

तहसीलदार ने सुपर वाइजर को लगाई फटकार

आंदोलनकारियो को समझाइस देने पहुंचे तहसीलदार डॉ. सिद्धि गवेल ने आंदोलन के समाप्ति के बाद पहुंचे एमजीआर के ठेका कंपनी के सुपरवाइजर लक्ष्मी जायसवाल को उसके लेट आने का कारण पूछा संतुष्टि पूर्वक जवाब नही मिलने से तहसीलदार ने जमकर फटकार लगाई।

एनटीपीसी सीपत के वरिष्ठ प्रबंधक नीरज सोनी ने कहा की गजेंद्र पाटनवार रेलवे पेट्रोलिंग टीम में सुपर वाइजर थे उनके निधन के बाद परिवार के ऊपर जीवन यापन की समस्या आ गई है। नौकरी की मांग को लेकर आवेदन किया है। समझाइस के बाद मान गए है।

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