छत्तीसगढ़

मुंगेली के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी पर आरोप- 2015 में निकली विकेंसी पर रोजगार पंजीयन 2016 का, 75 फीसदी दिव्यांगता का प्रमाण दिया जबकि पद के लिए यह मान्य ही नहीं… शिकायत कर बर्खास्त करने की मांग

बिलासपुर (रियाज़ अशरफी)| मुंगेली के सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी पर फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने के आरोप लगे हैं। इसकी शिकायत रायपुर स्थित मंत्रालय समेत बिलासपुर के कमिश्नर व कलेक्टर से भी हुई है। शिकायतकर्ता सुरेंद्र सिंह ने बताया है कि ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी की नियुक्ति हुई है, वह पद 75 फीसदी दिव्यांग के लिए है ही नहीं है। साथ ही इस मामले में जांचकर प्रकरण दर्ज कर संबंधित अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की गई है।

शिकायत की प्रति


बता दें कि मुंगेली जिला के रामगढ़ निवासी शशिकांत साहू मुंगेली के सहायक संचालक उद्यानिकी विभाग में ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। शिकायतकर्ता के अनुसार शशिकांत ने यह पद फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे कुटरचनाकर प्राप्त किया है। संचालक उद्यान संचनालय उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, समाज कल्याण विभाग, संभागायुक्त बिलासपुर एवं कलेक्टर मुंगेली को 26 जून को की गई 5 सूत्रीय लिखित शिकायत में बताया गया है कि शासन ने 5 अगस्त 2015 को इस पद के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किया था। जबकि शशिकांत साहू का जिला रोजगार कार्यालय में स्नातक का पंजीयन वर्ष 2016 का है ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी शशिकांत साहू की नियुक्ति दिव्यांग श्रेणी की है नियुक्ति के समय दिए गए प्रमाण पत्र में निःशक्तता 75% है जो इस पद के लिए पात्र नही है। शिकायतकर्ता ने सभी विभागों के अधिकारियों से अपील करते हुए मामले की जांच के बाद प्रशासन के आंखों में धूल झोंकते हुए फर्जी तरीके से नौकरी करने वाले ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।

फर्जी तरीके से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने का है आरोप


मुंगेली के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी शशिकांत साहू के दिव्यांग सर्टिफिकेट को भी शिकायतकर्ता ने चुनौती दी है। उन्होंने शिकायत में तर्क दिया है कि वर्ष 2022 में दिव्यांग प्रमाण पत्र को स्वयं कूट रचनाकर बनाया गया है उक्त प्रमाण पत्र में किसी भी स्थान पर चिकित्सा अधिकारी की मुहर नहीं है।

तीन मीटर की दूर दृष्टि तो ड्राइविंग लाइसेंस कैसे जारी हुआ


ग्रामीण उद्यान अधिकारी का दिव्यांग सर्टिफिकेट 75 प्रतिशत कम दृष्टि का है जो सिर्फ 3 मीटर की दूरी को देख सकते हैं। लेकिन उनके नाम पर 17 अप्रैल 2017 को मोटर ड्राइविंग लाइसेंस जारी हुआ यह कैसे संभव है कि 75% कम दृष्टि वाले व्यक्ति का वाहन चालक लाइसेंस जारी हो सकता है। जानकारों के अनुसार वे खुद कार की ड्राइव करता है यह कृत्य मिलीभगत कर निःशक्त प्रमाण पत्र बनवाने के संदेह को और भी मजबूत करता है।

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