हाथियों की दहशत के….वो 26 घण्टे…कभी भूल नही पाएंगे… सीपत क्षेत्र के लोग…?

बिलासपुर (रियाज़ अशरफी)। उड़ीसा से भटककर रायगढ़,शक्ति,जांजगीर से पोड़ी दलहा के रास्ते सीपत के सोंठी वन सर्किल पहुंचे 11 हाथियों की दहशत के वो 26 घण्टे सीपत क्षेत्र के गांव वाले उम्र नही भूलेंगे. हाथियों का दल बुधवार की रात लगभग 2 बजे ग्राम जेवरा के पटेलपारा फुटहामुड़ा होते हुए कटघोरा वन मंडल में प्रवेश किया तब कही जाकर लोगो ने राहत की सांस ली।

बता दे कि 5 फरवरी रविवार की शाम वन मंडल अधिकारी बिलासपुर के माध्यम से सूचना मिली की चांपा जांजगीर डिविजन से हाथी का एक समूह शक्ति,जैजैपुर,अकलतरा होते हुए पोड़ी दलहा की ओर आ रहा है, खबर मिलते ही बिलासपुर रेंज के सभी कर्मचारी डिप्टी रेंजर, फॉरेस्ट गार्ड एवं वन प्रबंधन समितियों को अलर्ट हो गए प्रशासन ने भी कोटवारों के माध्यम में मुनादी कराकर ग्रामीणों को हाथियों से सतर्क रहने सूचना दी गई।
हाथियों का दल सोमवार की रात 12 बजे चंगोरी से लीलागर नदी पार करते हुए बिलासपुर वन मंडल के ग्राम ऊनी पहुंचा वन विभाग बिलासपुर के एसडीओ सुनील कुमार बच्चन और वन मंडल अधिकारी कुमार निशांत के कुशल मार्गदर्शन में सोंठी सर्किल के डिप्टी रेंजर हफ़ीज़ खान,सीपत डिप्टी रेंजर सूरज मिश्रा एवं खोंधरा सर्किल के डिप्टी रेंजर नमित तिवारी ने कुशलतापूर्वक खम्हरिया, मड़ई,बिटकुला होते हुए हाथियों को सोठी सर्किल क्षेत्र के जंगल में प्रवेश कराया।

मंगलवार की सुबह हाथियों का झुंड ग्राम निरतु से होते हुए नवापारा के जंगल पहुंचा यहां बूढ़ानाला के पास रुक गए और दिन भर यही रहे. वन विभाग के उच्च अधिकारियों ने सुबह मौके का निरीक्षण किया और सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए की हाथियों को कोई डिस्टर्ब ना करें और न डिप्टी रेंजरों को हर 1 घंटे हाथियों की गतिविधियों को नोट करके सूचित करें करने को कहा गया। डिप्टी रेंजर हफ़ीज़ खान ने टीम बनाकर 2 सौ मीटर की दूरी से हर 1 घंटे में हाथियों का मूवमेंट नोट किया।
नवापारा जंगल के नाले में दिन भर विश्राम करने के बाद हाथियों का दल शाम 6:00 बजे जंगल मे विचरण करते हुए रात 11 बजे अदराली-,निरतु के जंगल पहुंचे यहां से रात 12:30 बजे निकलकर जेवर पंचायत के आश्रित ग्राम फुटहामुड़ा पहुंचे वहां गांव वालों ने अपने बाड़ी में सब्जी, केला और गन्ना लगाया था उसे खाते रौंदते हुए रात्रि के लगभग 2 बजे बिलासपुर रेंज को छोड़कर कटघोरा वन मंडल के मुरली सर्किल की ओर बढ़ गए।
11 हाथियों के दल में 5 शावक 6 मादा
उड़ीसा के जंगल से भटककर सीपत पहुंचे 11 हाथियों के दल में 5 शावक जिनकी उम्र 3 से 6 महीना है और उनमें 6 मादा हाथी शामिल है पहली बार हाथियों का दल सीपत क्षेत्र में आया था लोगो मे दहशत के साथ हाथियों को देखने रोमांचित हो रहे थे आसपास के दर्जन भर गांव के लोग डर और रोमांच के कारण दो रातों तक नही दो पाए थे।
जनप्रतिनिधियों का रहा विशेष योगदान
प्रशासन के साथ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का सहयोग सराहनीय रहा छ.ग. मछुआ कल्याण बोर्ड उपाध्यक्ष राजेन्द्र धीवर,जिला पंचायत सभापति राहुल सोनवानी,अंजनी लक्ष्मी साहू,ग्राम पंचायत ऊनी रमेश साहू,खम्हरिया सरपंच गुलाब बाई,कुली सरपंच नंदनी साहू,मड़ई सरपंच राधिका साहू,बिटकुला सरपंच प्रतिनिधि देवेंद्र पाटनवार,सोंठी सरपंच राजेन्द्र पटेल, निरतु सरपंच मुरली मनोहर,जेवरा सरपंच मूलचंद पटेल,खोंधरा सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार सहित अन्य लोगो की वन विभाग और प्रशासन के साथ मिलकर रातों को जागते हुए हाथियों को सकुशल बिलासपुर रेंज में लाने और बाहर भेजने में अहम भूमिका रही।
वन विभाग के आला अधिकारी पहुंचे थे जंगल
हाथियों की गतिविधि जानने के लिए एपीसीसीएफ कौशलेंद्र सिंह,वाईल्ड सीसीएफ किशोर बिसेन, बिलासपुर सीसीएफ राकेश चंदेले,डीएफओ कुमार निशांत,एसडीओ सुनील कुमार बच्चन सहित रेंजर मंगलवार की देर रात सोंठी जंगल पहुंचे थे।

गीत संगीत के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक
बिलासपुर वन विभाग ने सीपत के आसपास के गांवों में हाथियों के बचाव के लिए गीत संगीत के माध्यम से ग्रामीणों को जागरूक किया था। खम्हरिया में संगीत दल के साथ जिला पंचायत सभापति राहुल सोनवानी ने हाथियों से दूर रहने की अपील भी की इस दौरान मोहनलाल पाटनवार,इशहाक खान सहित अन्य उपस्थित रहे।