बिलासपुर

एनटीपीसी के राखड़ डस्ट से परेशान ग्रामीणों ने 6 सूत्रीय मांगों को लेकर 3 दिनों तक किया चक्का जाम…प्रबंधन के आश्वासन के बाद हुआ समाप्त

सीपत (रियाज़ अशरफी)| एनटीपीसी सीपत के राखड़ डेम से उड़ने वाली राखड़ डस्ट से हमेशा के लिए निज़ात दिलाने सहित 6 सूत्रीय मांगों को लेकर शनिवार सुबह से प्रभावित ग्राम रांक के ग्रामीणों ने गांव में स्थित एनटीपीसी के एस डाइक वन व डाइक 3 से चलने वाले राखड़ वाहनों को रोककर रलिया मार्ग पर तीन दिनों तक चक्का जाम कर दिया। इस दौरान सड़क की दोनों ओर लगभग 200 से अधिक वाहनों की लंबी कतारें लग गई थी

इतने लंबे समय तक ग्रामीणों द्वारा चक्का जाम किए जाने की सूचना मिलने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया और तत्काल मौके पर सीपत तहसीलदार श्रीमती सिद्धि गबेल,नायब तहसीलदार राहुल कौशिक, थाना प्रभारी हरीशचंद्र टांडेकर, एनटीपीसी के एचआर डीजीएम विवेक चंद्र सहित कई विभागों के विभागाध्यक्ष पहुंच गए। प्रशासन व एनटीपीसी प्रबंधन ने आंदोलनकारियों का बहुत मान मनव्वल किया। बड़ी बड़ी मुश्किल से एनटीपीसी के ऊर्जा भवन में त्रिपक्षीय वार्ता के लिए राजी हुए।

बता दें कि एनटीपीसी प्रभावित ग्राम रांक के ग्रामीणों ने राखड़ डेम से उड़ने वाली डस्ट को बंद करने के लिए डेम में स्प्रिंकिलर,टैंकर सहित अन्य संसाधनों में 4 गुना वृद्धि किए जाने, प्रति राशन कार्डधारियों में से एक स्थानीय व्यक्ति को स्किल्ड या अनस्किल्ड माध्यम से रोजगार मुहहैया कराने, निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराए जाने, गांव के दर्री तालाब में बोर खनन कराने,सोलर लाइट की मरम्मत कराने ,गांव की सभी गलियों में कांक्रीट रोड निर्माण कराने सहित अन्य मूलभूत सुविधाओ की मांगो को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन, सीपत तहसीलदार एवं थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपा था

प्रशासनिक ऊर्जा भवन में दोपहर 2:00 बजे हुई त्रिपक्षीय वार्ता में एनटीपीसी प्रबंधन ने ग्रामीणों की मांग पर कहा कि समिति के माध्यम से गांव में रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है वही राखड़ से डस्ट न उड़े इसके लिए व्यापक इंतजाम किए जाने सहित अन्य मांगों पर आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया तब कहीं जाकर शाम 4:00 बजे चक्का जाम को समाप्त किया गया।

आंदोलनकारियों ने किया भंडारा आयोजन, खुद खाए और जाम में फंसे लोगों को भी खिलाया

रांक के ग्रामीणों ने वैसे तो आंशिक रूप से शुक्रवार की शाम से चक्का जाम कर दिया था लेकिन पूर्णरूप से चकक जाम शनिवार की सुबह से किया जो सोमवार शाम 4:00 बजे तक चला। इस दौरान लगभग 60 घंटे से अधिक समय के लिए सड़को पर जाम लगा रहा। इस दौरान वाहनों के चालक- परिचालक भी भूखे प्यासे जाम में फंसे रहे। चक्का जाम कर रहे ग्रामीणों ने धरना स्थल पर ही भंडारा का आयोजन किया जिसमें खुद भी खाना खाए और जाम फंसे लोगों को भी खिलाया।

इस अवसर पर प्रभावित ग्राम रांक के हेमंत शर्मा, श्रीमती फोटो बाई, अनिल आत्मापूरी एवं रामसहाय सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे

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