पूर्व मंत्री का स्वाभिमान रथ यात्रा सीपत पहुंची… कहा हर आदमी को उसकी योग्यता के अनुरूप काम और दाम होना चाहिए… विकास के नाम पर प्रकृति का शोषण हो रहा है…?

बिलासपुर (रियाज़ अशरफी)। छत्तीसगढ़ स्वाभिमान पार्टी का स्वाभिमान रथयात्रा शुक्रवार को सीपत पहुंची। इस दौरान पार्टी के संस्थापक पूर्व मंत्री वीरेंद्र पांडेय, पार्टी अध्यक्ष पूरन छाबरिया एवं गौतम सिंह ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।
पार्टी संस्थापक वीरेंद्र पांडेय ने कहा ईमान की रोटी, इज्जत की जिंदगी और भ्रष्टाचार मुक्त समाज का संदेश को लेकर स्वाभिमान रथयात्रा 6 अप्रैल को अमरकंटक से निकाली गई है जो सरगुजा संभाग पूरा करने के बाद बिलासपुर संभाग के कुछ हिस्सो में पहुंच चुकी है यहां से रायगढ़ होते हुए जशपुर तक जाएगी। स्वाभिमान पार्टी की इस रथयात्रा को पूरे प्रदेश में लेकर जाएंगे।

पूर्व मंत्री ने बताया कि पार्टी का गठन 14 नवंबर 2014 को किया गया था। वर्तमान में देश के 12 राज्यों में इसका संगठन है। उन्होंने कहा की हमारी पार्टी का तीन सैद्धांतिक आग्रह है। भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति, विषमुक्त खेती एवं नशा मुक्त व्यक्ति के उद्देश्य व “मानव केंद्रित विकास के स्थान पर प्राकृतिक केंद्रित विकास” वर्तमान में प्रकृति के शोषण से आज की सभी अर्थव्यवस्थाएं चल रही है जिसका दुष्परिणाम देखने को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी व तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल हसदेव कोल ब्लाक गए थे दोनों ने सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि छ.ग. में कांग्रेस की सरकार बनाइये हम यहां से एक भी पेड़ काटने नही देंगे। लेकिन तीन साल बाद हसदेव जंगल से 4 लाख पेड़ो की बलि दी जा रही है। इसी तरह अचानकमार अभ्यारण में भी 16 सौ 49 हेक्टेयर जंगल में लगे पेड़ों को कट गया है। इधर सरकार आधा से एक एकड़ भूमि में कृष्णकुंज लगाकर उसकी भरपाई करना बता रही है।
प्रदेश के विकास मॉडल मृत्यु की ओर ले जाने वाला बताया..यूनिवर्सल योजना की सराहना की
वीरेंद्र पांडेय ने प्रदेश के कांग्रेस सरकार के विकास मॉडल पर सवाल उठाया और कहा कि पर यहां का विकास मॉडल मृत्यु की ओर ले जाने वाला मॉडल है। इस प्रकार का विकास मॉडल हमारे गले मे फांसी का फंदा कस रहा है। उन्होंने कहा कि प्रकृति को संरक्षित करते हुए भी मनुष्य के जीवन को अच्छा गुणवत्तापूर्ण सुविधाजनक किया जा सकता है। छ.ग. सरकार व धनी लोग केवल धरती के नीचे दबे खनिज की लालच में आकर लाखों पेड़ो की बलि दे रहे है। जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वही कांग्रेस सरकार न्यूनतम आयोजना की सराहना की
80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन देना गर्व की नही शर्म की बात है
केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि सरकार गर्व से अपना पीठ ठोंक रही है कि वह देश के 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दे रही है। यह गर्व की नही शर्म की बात है। क्योकि ये 80 करोड़ लोग अपनी मेहनत से अपना पेट भी नही भर पा रहे है ऐसी आपकी व्यवस्था है।आधुनिक जमाने मे राज्य की नीतियों में परिवर्तन की जरूरत है कि जो अमीर परस्त राजनीति है उसको गरीब व भारत परस्त बनाने की जरूरत है।
हर आदमी को उसकी योग्यता के अनुरूप काम और दाम मिलनी चाहिए
पूर्व मंत्री ने कहा आज 2% सरकारी कर्मचारी सभी प्रकार की सुविधाओं को प्राप्त करता है यह 2% लोगों पर सरकार 38 से 40% पैसा खर्च करती है इसका तर्क दिया जाता है कि 30 वर्षों तक इनसे सेवा लेते हैं। लेकिन किसान,सब्जी का ठेला चलाने वाला, पंचर बनाने वाला और मजदूरों को उनके मेहनत का फल नहीं मिल पा रहा है हमारी मांग है कि हर आदमी को उसकी योग्यता के अनुरूप काम होना चाहिए और काम का इतना दाम होना चाहिए कि वह अपना परिवार आसानी से पाल सकें।
प्रकृति से शोषण का नतीजा पहले 60 इंच बारिश होती थी अब 45 इंच
वीरेंद्र पांडे ने कहां के विकास के नाम पर प्रकृति शोषण और छेड़छाड़ किया जा रहा है।पहले 60 इंच तक बारिश होती थी लेकिन आज यह घटकर 45 इंच हो गया है यही दशा रही तो आने वाले समय में मात्र 20 से 25 इंच बारिश तक होगी। प्रकृति के शोषण का दुष्परिणाम दिखने लगा हैं। इसका ताजा उदाहरण इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता है।