भाजपा का यह कैसा…? “चलबो गोठान, खोलबो पोल” अभियान…सरकार की पोल खोल रहे है या सरपंचों की.. प्रभारी जी आये और 15 मिनिट में फोटू खिंचवाकर चलते बने…

बिलासपुर (रियाज़ अशरफी)। भारतीय जनता पार्टी इन दिनों प्रदेश की कांग्रेस सरकार के विरोध में पोल खोलो अभियान चला रही है। भाजपा ने अभियान को ‘चलबो गोठान, खोल बो पोल’ का नाम दिया है। इस अभियान के तहत पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अलग-अलग गौठानों का निरीक्षण कर वहां की कमियों और कथित तौर पर 1300 करोड़ के घोटाले को उजागर कर रहे है।
सीपत में इस अभियान की शुरुआत शनिवार को की गई। सीपत मंडल के अभियान प्रभारी जिला भाजपा महामंत्री घनश्याम कौशिक शनिवार को सीपत पहुंचे यहां मंडल अध्यक्ष राज्यवर्धन कौशिक सहित संगठन के कुछ पदाधिकारियों के साथ ग्राम जांजी और दर्राभांठा स्थित गौठानों में पहुंचकर अभियान की औपचारिक शुरुआत की अभियान प्रभारी कौशिक चंद मिनटों में पूरे गौठान का निरीक्षण कर लिए, फोटो खिंचाई और वापस चलते बने।

अभियान में भाजपा को ग्राम स्तर पर सहयोग मिलते नही दिख रहा है गौठान निरीक्षण के दौरान कुछ भाजपा समर्थित लोग ही उनके आसपास नजर आ रहे है। ऐसा लगता है कि भाजपा संगठन का “चलबो गोठान, खोलबो पोल” अभियान मात्र एक औपचारिकता बनकर रह जाएगी।
चर्चा में, जिला भाजपा महामंत्री का अंदाज
जिला भाजपा संगठन में लगातार तीसरी बार महामंत्री के दायित्व निभा रहे इस अभियान के सीपत मंडल प्रभारी घनश्याम कौशिक जांजी के बाद दर्राभांठा स्थित गौठान का एक राउंड घूमकर निरीक्षण किए इसके बाद अभियान के विषय मे पत्रकारों से बातचीत की उन्होंने इस दौरान गौ माता,गौवंश या मवेशी शब्द का उपयोग नही किया बल्कि मीडिया को दिए गए अपने बयान में पूरे समय उन्होंने जानवर शब्द का इस्तेमाल किया। जबकि भाजपा के बीच गौवंशो की एक अलग तस्वीर है। नेता जी के मुखारविंद से बार-बार जानवर शब्द का उपयोग होना वहां उपस्थित भाजपाइयों को भी चुभ रहा था। लेकिन क्या करें नेता जी कुछ अलग अंदाज में थे जो लोगो के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।

..आखिर भाजपा किसका विरोध कर रही है…?
भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता “चलबो गोठान,खोलबो पोल” अभियान के तहत गौठानों में जाकर वहां कथित तौर पर हुए घोटाले और अव्यवस्था को उजागर कर रहे है। लेकिन वहां पहुचने पर सरपंच के विरोधी सरपंच का ही विरोध कर रहे है,खुद भाजपाई ही समझ नही पा रहे है कि हम किसका विरोध कर रहे है,सरपंच का या कांग्रेस सरकार की क्योंकि गांव के किसी भी सरकारी निर्माण कार्य का एजेंसी ग्राम पंचायत सरपंच होता है कही भाजपा को यह अभियान उल्टा ही ना पड़ जाए।







