पैगम्बर मोहम्मद साहब के वंशज सैय्यदी शेख हासिम अल गिलानी लुतरा शरीफ पहुंचे… हजरत बाबा सैय्यद इंसान अली शाह की दरगाह में चादर चढ़ाई और दुआ मांगी…निशान-ए-लुतरा से किए गए सम्मानित..$
बिलासपुर (रियाज़ अशरफी)। मुल्के इराक के बगदाद शरीफ स्थित हज़रत ग़ौसुल आज़म अब्दुल कादिर ज़िलानी की दरगाह के सज्जादानशीन हजरत सैय्यदी शेख हाशिम अल गिलानी मंगलवार की सुबह 10:40 बजे छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध सूफी-संत हजरत बाबा सैय्यद इंसान अली शाह के दरगाह लुतरा शरीफ पहुंचे। पहली बार लुतरा शरीफ पहुंचे गौस पाक की दरगाह के सज्जादानशीन का दरगाह के खादिम, मुस्लिम जमात लुतरा शरीफ और जायरीनों ने भव्य इस्तेकबाल किया।
सैय्यदी शेख हाशिम अल गिलानी के लुतरा शरीफ पहुंचते ही दरगाह के मेन गेट से मजार तक रास्ते में दोनों ओर कतारबद्ध खड़े जायरीनों ने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया और गगनचुम्बी इस्लामिक नारे लगाए। दरगाह में चादरपोशी के बाद दुआ मांगी गई। दरगाह के खादिम मोहम्मद उस्मान खान,हाजी शेर मोहम्मद,हाजी मोहम्मद साबिर,हाजी मोहम्मद ज़ाकिर,हाजी शरीफ खान,यशीन खान व प्रशासन की ओर से दरगाह की व्यवस्था देख रहे मोहम्मद इक़बाल हक़ ने उन्हें निशान-ए-लुतरा देकर सम्मानित किया।
बता दें कि शेख हाशिम अल गिलानी पूरे विश्व के सुन्नी मुसलमानो के सबसे बड़े पीर गौस पाक हजरत अब्दुल क़ादिर ज़िलानी के 18 वें वंशज है और उनके दरगाह के प्रमुख है। तथा पैग़म्बरे इस्लाम हजरत मोहम्मद साहब के 28 वीं पीढ़ी है। सैय्यदी शेख हाशिम अल गिलानी साहब सोमवार को छत्तीसगढ़ के तीन दिवसीय दौरे पर कोरबा पहुंचे थे। सोमवार की रात कोरबा के घंटाघर ओपन थिएटर में आयोजित ग़ौसुलवरा कांफ्रेंस को संबोधित करने के अलावा कई स्थानीय कार्यक्रमो में शिरकत किए। छत्तीसगढ़ में यह उनका दूसरा आगमन है। इससे पहले वे मार्च 2022 में पहली बार छत्तीसगढ़ के जगदलपुर आये थे। लुतरा शरीफ दरगाह में ज्यारत के बाद 11 बजे रायपुर के लिए रवाना हो गए।