टीआई की प्रताड़ना से तंग आरक्षक ने फांसी लगाकर किया खुदकुशी का प्रयास..@
पुलिस कर्मियों ने आरक्षक की बचाई जान
@ रियाज़ अशरफी
थाने में पदस्थ आरक्षक ने थाना कक्ष पर गमछे से फांसी लगाकर खुदकुशी का प्रयास किया। इस दौरान मौके पर उपस्थित पुलिस कर्मियों ने आरक्षक को बचाया। आरक्षक ने थाना प्रभारी पर प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है। वहीं, थाना प्रभारी ने आरोपों का खंडन किया है।
मामला सीपत थाने में थाने का है आरक्षक धर्मेंद्र कश्यप ने गुरुवार की सुबह 10 बजे पुलिस गणना के दौरान बरामदे पर फांसी लगाने का प्रयास किया। वहां उपस्थित पुलिस कर्मियों ने दौड़कर धर्मेंद्र की जान बचाई। आरक्षक धर्मेंद्र ने बताया कि बुधवार की रात टीआई कृष्णचंद सिदार नेतृत्व में अन्य पुलिस कर्मियों के साथ सीपत के नवाडीह चौक में वाहन चेकिंग में ड्यूटी कर रहा था। रात 11 बजे चेकिंग बंद होने के बाद टीआई से पूछकर थोड़ी दूर खड़ी वाहन को लाने के लिए जा रहा था। इस पर टीआई सिदार नाराज हो गए और गंदी-गंदी गाली देते हुए वहां से भगा दिया। साथ ही आरक्षक को लाइन अटैच कराने की धमकी भी दिया। दूसरे दिन सुबह थाना के परिसर में पुलिस की गणना में आरक्षक पहुंचा तो गणना में टीआई नही पहुंचे रात के मामले पर आरक्षक टीआई से बात करना चाह रहा था। लेकिन टीआई ने आने से इंकार कर दिया घटना से परेशान आरक्षक ने थाना के बरामदे में लगे पंखा से खुदकुशी करने की कोशिश की जिसे वहां उपस्थित अन्य पुलिस कर्मियों ने बचाया।
घटना के बाद आरक्षक को सीपत से हटाए जाने की चर्चा
इस घटना के बाद टीआई पर प्रताड़ना का आरोप लगाने आरक्षक को सीपत थाना से हटाए जाने की चर्चा है। घटना के बाद से सीपत थाना में पुलिस कर्मियों के बीच आपसी मतभेद उभरकर सामने आए हैं।
डीएसपी पहुंचे थाना समझाइश दी
घटना की जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को दी गई। देर शाम डीएसपी उदयन बेहार सीपत थाना पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी मांगी अंत मे उन्होंने टीआई सिदार और आरक्षक धर्मेंद्र को समझाइश दी।
आरक्षक का आरोप गाली देते हैं टीआई
आरक्षक धर्मेंद्र कश्यप ने कहा कि सीपत थाना प्रभारी टीआई कृष्णचंद सिदार आए दिन मेरे साथ गाली- गलौच करते है। उनकी प्रताड़ना से तंग आकर मैंने थाना में फांसी लगाने की कोशिश की थी। एक तो पूरी ईमानदारी से ड्यूटी करो ऊपर से टीआई की गाली सुनो यही कारण था कि मैंने यह कदम उठाया था।
हिदायत देते रहता हूं: टीआई
सीपत थाना प्रभारी कृष्णचंद सिदार ने आरक्षक के आरोपों को नकारते हुए कहा कि तनाव में कभी भी कुछ भी हो जाता है। ड्यूटी के सम्बंध में बोलते रहते है समय-समय पर हिदायत देते रहता हूं।