मुरुम तस्करों के भारी वाहन से छह गांवों को शहर से जोड़ने वाली सड़क गड्ढों में तब्दील, ग्रामीणों में आक्रोश…@

@ रियाज़ अशरफी
सीपत| आसपास के 6 गांवों के स्थानीय आबादी को बिलासपुर शहर से जोड़कर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने व ग्रामीणों को सामाजिक- आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के उद्देश्य को लेकर राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग के माध्यम से झलमला से मटियारी-मोहरा मोड़ तक लगभग 7 किमी की पक्की सड़को का निर्माण कराया था। लेकिन शासन की मंशा पर मुरुम तस्करों ने पानी फेर दिया है। वर्तमान में यह सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है,जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।
बता दें कि झलमला से मटियारी-मोहरा मोड़ तक 7 किमी की सड़क का निर्माण 25 साल पहले किया गया था। वहीं, 2013 में पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत करते हुए डामरीकरण का कार्य भी विभाग नेकराया था। यह मार्ग ग्राम पंचायत उच्चभट्ठी, झलमला, टिकरीपारा, बरेली और कौव्वाताल के लोगों को काम दूरी पर सीधे बिलासपुर से जोड़ती है। सड़क गड्डों में तब्दील होने की वजह से लोग परेशान है। ग्रामीणों ने भारी वाहन चलने की शिकायत और सड़क की मरम्मत की मांग प्रशासन और विभागीय अधिकारियों से की, लेकिन इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। इससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बरेली की महिलाओं ने कहा कि जनप्रतिनिधि सहित विभागीय अधिकारियों को सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इसके बाद भी इस ओर किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। उन्होंने आगे कहा कि हम स्वयं डंड लेकर भारी वाहनों की आवाजाही बंद कराएंगे,तभी हम सब सुकून से रह पाएंगे।
आंगनबाड़ी के बच्चों में हादसे का डर बना रहता
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता सिदार ने कहा कि सड़क के पास में ही आंगनबाड़ी केंद्र है। सड़क पर पूरे दिन भारी वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। इससे बच्चों में हादसे का खतरा बढ़ गया है। भारी वाहनों के चलते बारिश की वजह से परिसर कीचड़ में तब्दील हो चुका है।
चालक ने बताया भाड़ी से करते है मुरुम का उत्खनन
ट्रेलर क्रमांक सीजी 10 सी 6512 के चालक जितेंद्र यादव ने बताया कि इस मार्ग पर चलने वाले लगभग सभी भारी वाहन मटियारी के अग्रहरि ट्रांसपोर्ट के हैं। जो ग्राम भाड़ी के तालाब से मुरुम निकालकर बाहर सप्लाई करते है।
सड़क पर 40 से अधिक भारी वाहन की आवाजाही
ग्राम पंचायत बरेली के वार्ड क्रमांक 5 की महिला पंच सीमा वस्त्रकर, त्रिवेदी विश्वकर्मा, नेहा वस्त्रकर, द्रोपती वस्त्रकर ने बताया कि इस मार्ग पर 40 भारी वाहनों की आवाजाही लगी रहती है यही वजह है कि सड़क गढ्ढो मर तब्दील हो गई है। इससे हादसे का भी खतरा बना हुआ है। कई बार हम लोगो ने वाहनों को रुकवाने का प्रयास किया लेकिन चालक है कि स्पीड में गाड़ी चलाते हुए निकल जाते है।..अब हम महिलाएं संगठित होकर डंडा लेकर ट्रकों को रोकने का प्रयास करेंगे।
ट्रेलर चालक ने बताया भाड़ी से करते है मुरुम का उत्खनन
ट्रेलर क्रमांक सीजी 10- सी 6512 के चालक जितेंद्र यादव ने बताया कि इस मार्ग पर चलने वाले लगभग सभी भारी वाहन मटियारी के अग्रहरि ट्रांसपोर्ट का है। जो ग्राम भाड़ी के तालाब से मुरुम निकालकर बाहर सप्लाई करते है।
मार्ग का 11 वर्ष पहले हुआ था डामरीकरण
ग्रामीणों के अनुसार 20 से 25 वर्ष पूर्व आसपास के गांवों को जोड़ने के लिए राहत कार्य के तर्ज पर डब्ल्यूबीएम सड़क का निर्माण कराया गया था जिसे सन 2013 में लोकनिर्माण विभाग ने डामरीकरण कराया था तब से ग्रामीणों को बिलासपुर जाने में सहूलियत मिली थी। लेकिन अब भारी वाहनों के चलते इस मार्ग में चलना यानी हादसों को निमंत्रण देना है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले यह सड़क पगडंडी हुआ करता था। अब यहां की स्थिति पूर्व की तरह हो गया है।
इन गांवों को सीधे बिलासपुर से जोड़ती है सड़क
मालूम हो कि झलमला से मटियारी-मोहरा मोड़ की यह मार्ग क्षेत्र के ग्राम भाड़ी,भिल्मी, गोपालपुर पांडेपुर,उच्चभट्ठी, झलमला,टिकरीपारा,कौव्वाताल और बरेली को सीधे बिलासपुर से जोड़ती है। वही अन्य मार्ग से आवागमन करने से इन गांव के लोगो को लगभग 8 से 10 किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है।
जानकारी मिली है जल्द मरम्मत कराएंगे
लोकनिर्माण विभाग के एसडीओ सीएस विंदयराज का कहना है कि झलमला- मटियारी मार्ग के खस्ताहाल होने की जानकारी मिली है जल्द ही गड्ढे भरवाकर सुधार कराएंगे। मार्ग के मरम्मत के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को बजट के लिए भेजा गया है।







