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बिलासपुर का एक अनोखा ऐसा गांव जहां नहीं बिकती शराब, नारी शक्ति की मिसाल बनी समूह को थाना प्रभारी सतपथी ने “महिला कमांडो” का नाम दिया…@

मंडे पॉजिटिव

कशिश न्यूज| सीपत
जहां एक ओर देशभर में होली के त्यौहार पर शराब की बिक्री आम बात मानी जाती है, वहीं सीपत तहसील के आदिवासी बाहुल्य ग्राम जुहली ने एक नई मिसाल कायम की है। इस गांव में होली जैसे बड़े पर्व पर भी शराब नहीं बिकती और इसका श्रेय जाता है गांव की जागरूक महिलाओं को, जिन्होंने नारी शक्ति की ताकत बनकर नशे के खिलाफ जंग छेड़ दी है।

जुहली गांव में चौपाल के माध्यम महिलाओं को मोटिवेट करते सीपत थाना प्रभारी गोपाल सतपथी

सीपत थाना के प्रभारी टीआई गोपाल सतपथी की विशेष पहल पर गांव में चौपाल का आयोजन किया गया, उन्होंने गांव की संगठित महिला समूह का हौसला बढ़ाते हुए उन्हें “महिला कमांडो” नाम दिया है, जिनका उद्देश्य गांव को नशामुक्त बनाना है। थाना प्रभारी के द्वारा लगाए गए चौपाल में महिलाएं खुलकर सामने आईं और अपनी ताकत का प्रदर्शन किया और बताया कि सभी महिलाओं ने मिलकर कैसे इस गांव को शराब मुक्त बना दिया। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने ना सिर्फ शराब बिक्री का विरोध किया, बल्कि ग्रामीणों को जागरूक भी किया कि नशा किस तरह परिवार और समाज को तोड़ता है। थाना प्रभारी सतपथी ने कहा, “जब महिलाएं एकजुट हो जाएं तो समाज में किसी भी बुराई को खत्म करना मुश्किल नहीं है। जुहली की महिलाएं अब दूसरे गांवों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।”

ग्रामीणों के साथ जमीन पर बैठकर समस्या सुनते टीआई

जानकारी देते चलें कि महिलाएं अब नियमित रूप से गांव में गश्त करती हैं और यह सुनिश्चित करती हैं कि कोई अवैध गतिविधि न हो। उनके प्रयासों से न सिर्फ शराब की बिक्री पर रोक लगी है, बल्कि गांव में अपराध की घटनाओं में भी कमी आई है। गांव के बुजुर्ग और युवा भी इस बदलाव से प्रभावित हैं।

पहले झगड़े आम बात थी अब शांति है- सरपंच चन्देश्वरी

गांव की आदिवासी महिला सरपंच चन्देश्वरी त्रिभुवन पोर्ते कहती हैं, “पहले गांव झगड़े आम बात थी, अब शांति है। ये सब हम महिलाओं की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा जुहली गांव की यह पहल समाज में एक सशक्त संदेश देती है कि जब महिलाएं जागरूक होती हैं, तो बदलाव निश्चित होता है।

कोरोना काल के बाद से बंद है गांव में शराब

शराबंदी समूह की अध्यक्ष वेदमती मरावी ने बताया कि 3 वर्ष पहले तक गांव में शराब की बिक्री हो रही थी जिसमे बड़ो के अलावा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे भी शराब पीने के आदि हो रहे थे इससे झगड़े फसाद होना आम बात हो गई थी फिर गांव की 25 महिला समूह जिसमें लगभग 300 महिलाएं शामिल है सभी लोगो ने मिलकर शराबबंदी अभियान चलाया अब गांव में शराब बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई है आगे कोशिश है कि गांव का कोई भी व्यक्ति शराब ना पिए इसके लिए जनजागरूकता अभियान चलाएंगे। बरातियों को भी यहां शराब पीना और साथ मे शराब लेकर आना मना है।

नारी शक्ति को संबल प्रदान करूंगा– टीआई सतपथी

सीपत थाना प्रभारी टीआई गोपाल सतपति ने बताया कि जुहली गांव की महिलाएं बहुत जागरूक और साहसी है महिलाओं ने चौपाल कार्यक्रम में जिस तरह जनजागरूकता और ग्राम विकास पर खुलकर बात की यह उनके हौसलों को दर्शाता है इसलिए मैंने उन्हें महिला कमाण्डो का नाम दिया है समूह की महिलाओं से नाम मांगा गया है उच्च अधिकारियों के निर्देश पर इन्हें थाना से आईडी कार्ड जारी किया जाएगा ताकि उनमें और भी बेखौफ होकर बुराइयों का सामना करने की साहस आ सके। मैं इन नारी शक्तियों का जरूर संबल प्रदान मारूंगा।

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